हिन्दू-मुस्लिम के एहसासात को मत छेड़िए
“हिन्दू-मुस्लिम के एहसासात को मत छेड़िए” ये शब्द हैं अदम गोंडवी जी के. अदम एक ऐसे कवि माने जाते हैं, जिन्होंने आज के भारत का असली और दर्दनाक चेहरा अपनी कविताओं के ज़रिये पेश किया है. अदम की कविताओं में समाज के दबे-कुचले पिछड़े वर्ग की समस्याएँ, उन पर टूटती मुसीबतें और उनके परिणामों का विश्लेषण देखने को मिलता है. कहा जाता है कि सिनेमा समाज का दर्पण है, मगर अदम की कवितायेँ खुद में एक तरह से समाज का आइना हैं. 22 अक्टूबर, 1947 को गोंडा, उत्तर प्रदेश में जन्मे अदम का…
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